October 16, 2025

सारंगढ़-बिलाईगढ़ में मंडलपुर बैरियर में’बीजा’ कांड! वन विभाग के अधिकारी ने बेशकीमती लकड़ी बेचकर डकारा पैसा

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छत्तीसगढ़: सारंगढ़-बिलाईगढ़ में ‘बीजा’ कांड! वन विभाग के अधिकारी ने बेशकीमती लकड़ी बेचकर डकारा पैसा वन राष्ट्रीय संपति इनकी रक्षा करे ऐसा शासन का कहां है लेकिन यह तो उल्टा ही नजर आ रहा है वन राष्ट्रीय संपति है इसे बेच कर खाए ऐसा ड्यूटी रेंजर विभीषण पटेल का कहना है

बिलाईगढ़ मंडलपुर ड्यूटी रेंजर विभीषण पटेल पर लगा गंभीर आरोप; वन चौकी मंडलपुर से ‘बीज के गोले’ के नाम पर लाखों का बीजा सफा

बिलाईगढ़। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़ वन परिक्षेत्र में वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। वन चौकी बेरियर मंडलपुर में रखे बीज के गोले (लकड़ी के लट्ठे) को ड्यूटी रेंजर विभीषण पटेल द्वारा कथित रूप से बेचकर निजी लाभ लेने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यह लकड़ी कोई साधारण नहीं, बल्कि बेशकीमती इमारती लकड़ी बीजा थी, जिसे ड्यूटी रेंजर ने नजदीकी आरामिल संचालक को बेच दिया और राशि स्वयं हज़म कर ली।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मंडलपुर वन चौकी पर विभाग द्वारा विभिन्न प्रयोजनों के लिए बीज के गोलों का स्टॉक रखा गया था, जिसमें मुख्य रूप से बहुमूल्य बीजा प्रजाति की लकड़ी शामिल थी। नियमानुसार, इस लकड़ी की सुरक्षा की जिम्मेदारी चौकी के प्रभारी और ड्यूटी रेंजर विभीषण पटेल की थी।
सूत्रों की मानें तो, रेंजर विभीषण पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस बेशकीमती इमारती लकड़ी को गुपचुप तरीके से आरामिल (सा मिल) सरसिवा में बेच दिया और उसका पैसा खुद ही डकार लिया। लकड़ी की संख्या और उसकी अनुमानित कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है। इस हेरफेर को ‘बीज के गोले’ की आड़ में अंजाम दिया गया, ताकि वन विभाग के दस्तावेजों में यह चोरी पकड़ में न आ सके।

वन परिक्षेत्र अधिकारी की भूमिका पर सवाल

इस गंभीर अनियमितता के सामने आने के बाद, क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी (RFO) की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह सब उनकी मिलीभगत से हुआ है, या फिर यह उनकी लापरवाही का नतीजा है कि वन चौकी से इतनी बड़ी मात्रा में सरकारी लकड़ी चोरी हो गई? बिना उच्च अधिकारी की जानकारी और सहमति के इतना बड़ा गबन होना संभव नहीं दिखता।

अब देखना यह लाजमी होगा कि समाचार प्रकाशन एवं शिकायत होने के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आके क्या कार्यवाही करते हैं या अपने विभाग के कर्मचारी को बचा के अभयदान देते हैं आगे की समाचार भाग 2 में प्रकाशित होगा…